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शनिवार

संचार मार्ग (Communication Channel)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     नवंबर 02, 2013    


            सूचना स्रोत (संचारक) और सूचना प्राप्त करने वाले (प्रापक) के बीच संचार मार्ग एक सेतू की तरह होता है, जिसकी सहायता से संचारक अपने संदेश को सम्प्रेषित करता है तथा प्रापक सम्प्रेषित संदेश को ग्रहण करता है। कहने का तात्पर्य है कि किसी स्रोत द्वारा सम्प्रेषित सूचना संचार मार्ग से होकर ही प्रापक तक पहुंचती है। सम्प्रेषित सूचना शाब्दिक और अशाब्दिक हो सकती है, जिसे क्रमश: बोलकर, लिखकर या अन्य मानव व्यवहारों (चित्रकारी, मूक अभिनय, शारीरिक मुद्रा इत्यादि) से सम्प्रेषित किया जाता है। प्रापक सम्प्रेषित सूचना को सुनकर, पढक़र, देखकर या स्पर्श कर ग्रहण करते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि संचार प्रक्रिया में संचार मार्ग वह होता है जिसके द्वारा प्रापक तक संदेश पहुंचता है। सामान्य शब्दों में, संचार मार्ग वह साधन है, जो स्रोत द्वारा सम्प्रेषित सूचना संकेत को ढ़ोकर बंदरगाह से समुद्र और पुन: किनारे अर्थात संचारक से प्रापक तक पहुंचती है। शैशन-वीवर ने अपने गणितीय संचार प्रारूप में सुधारात्मक व औचित्यपूर्ण संचार मार्ग (Correctional Channel)  जैसी नई अवधारणा का प्रतिपादन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कोलाहल (शोर) के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को दूर करता है। सुधारात्मक संचार मार्ग का उपयोग एक प्रेषक द्वारा किया जाता है जो प्रारंभिक रूप में सम्प्रेषित सूचना संकेत की तुलना ग्रहण किये गये सूचना संकेत से करता है तथा दोनों के असमान होने की स्थिति में अतिरिक्त संकेतों द्वारा त्रुटियों को सही करता है। 

              विलबर श्राम के अनुसार- प्रत्येक संचार मार्ग की अपनी प्रवृत्ति होती है, जिसे अन्य संचार माध्यमों से संपादित नहीं किया जा सकता है। जैसे- जनसंचार माध्यम और परम्परागत माध्यम, जिनके व्यापक संचार मार्ग की भिन्नता एक-दूसरे के अस्तित्व का आधार है। इस प्रकार जनसंचार में कभी-कभी मध्यस्थता तथा प्रत्यारोपण के मानक स्थापित होते हैं, क्योंकि प्रिंट अथवा विद्युतीय संचार मार्ग संचारक और प्रापक को जोड़ते हैं। तकनीकी विकास के कारण मौखिक रूप से होने वाला अंतर वैयक्तिक संचार प्रिंट, विद्युतीय व उपग्रह संचार मार्ग के कारण विश्वव्यापी हो गया है। 

            संचार मार्ग के सम्प्रेषित सूचना को प्रापक आंखों से देखकर तथा कानों से सुनकर ग्रहण करता है। इनमें कौन सा संचार मार्ग ज्यादा प्रभावी है- आंखों से देखा हुआ या कानों से सुना हुआ, अथवा दोनों का मिश्रित मार्ग। समाचार पत्र अर्थात प्रिंट मीडिया आंखों से देखकर पढ़ा जाने वाला संचार मार्ग है, जबकि इलेक्ट्रानिक मीडिया का रेडियो केवल कानों से सुना जाने वाला तथा टेलीविजन आंखों से देखा और कानों से सुना (दोनों) जाने वाला संचार मार्ग है। 

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