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मंगलवार

वेब 3.0 (Web 3.0)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     नवंबर 05, 2024    
 सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार की अनंत संभावनाओं को देखते हुए बड़े ही आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाली पीढ़ी का मीडिया अभूतपूर्व होगा। वेब की दो पीढ़ी विकसित हो चुकी है- वेब 1.0 और वेब 2.0। वर्तमान समय में वेब 3.0 की कल्पना की जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक वेब 3.0 इतनी आधुनिक होगी कि इसके सामने आज की तकनीक और इंटरनेट स्पीड कुछ भी नहीं होगी।अपने दौर का सर्वाधिक लोकप्रिय अमेरिकी टीवी धारावाहिक ‘स्टार ट्रेक’ में भविष्य... Read More »

सोमवार

वेब 2.0 प्रौद्योगिकी: अर्थ एवं एप्लीकेशन्स (Web 2.0 technologies: Meaning and applications)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     नवंबर 04, 2024    
 21वीं सदी का दूसरा दशक इंटरनेट के बेतहाशा वृद्धि का दशक है। इंटरनेट का भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों में बोलबाला है। परिणामतः इंटरनेट के उपभोक्ताओं की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी होती जा रही है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इंटरनेट इस तरह से शक्तिशाली जनसंचार माध्यम बनता चला गया। हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन और वाईफाई हॉट स्पॉट्स ने इंटरनेट को और अधिक मोबाइल व गतिशील बना दिया है। वेब के इस इंटरैक्टिव संसार को ‘वेब 2.0 प्रौद्योगिकी’ के नाम... Read More »

रविवार

वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     अक्टूबर 20, 2024    
इंटरनेट पर वर्ल्ड वाइड वेब प्रयोग कर विविध जानकारी प्राप्त की जा सकती है। संक्षेप में इसे WWW या ‘वेब’ कहा जाता है। इसका उपयोग कर इंटरनेट उपभोक्ता उन वेब पेजों को आसानी से देख सकते हैं जिनमें टेक्स्ट, तस्वीर, वीडियो तथा अन्य मल्टीमीडिया होता है। इस तकनीकी को स्विट्जरलैंड के कम्प्यूटर वैज्ञानिक जॉन बर्नर्स-ली ने 25 दिसंबर, 1990 को विकसित किया, जिन्हें टिम बर्नर्स के नाम से भी जाना जाता है।  8 जून, 1955 को ब्रिटेन में जन्मे टिम बर्नर्स ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में... Read More »

सोमवार

भारत में इंटरनेट क विकास (Development of Internet in India)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     अक्टूबर 07, 2024    
भारत में इंटरनेट का आगमन एजूकेशनल एण्ड रिसर्च नेटवर्क के प्रयासों से 1987-88 में हो गया था, लेकिन तब सीमित संख्या में कुछ सभ्रांत लोग ही इसका उपयोग करते थे। 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने गेटवे सर्विस के तहत पहली बार भारतीय कम्प्यूटरों को दुनिया के कम्प्यूटरों से जोड़ा। तब कहीं जाकर इंटरनेट आम लोगों को उपयोग के लिये उपलब्ध हो सका। परिणामतः राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों के 32 हजार इंटरनेट उपभोक्ता हो गये। इसका शीघ्र... Read More »

गुरुवार

इंटरनेट (Internet)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     अक्टूबर 03, 2024    
इंटरनेट सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि एक प्लेटफार्म है। इसका पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क है। इंटरनेट की सहायता से अलग-अलग स्थानों पर लगे कम्प्यूटरों को आपस में जोडक़र सूचना या जानकारी को सम्प्रेषित करने की विशेष प्रणाली विकसित की गई है। यह नेटवर्काे का नेटवर्क है, जिसकी सहायता से समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं व किताबों को कम्प्यूटर स्क्रीन पर न केवल प्रकाशित किया जा सकता है, बल्कि पढ़ा भी जा सकता है, जो कहीं भुगतान के बदले तो कहीं बिलकुल मुफ्त उपलब्ध हैं। दूसरे शब्दों में कहा जा... Read More »

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