Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
अक्टूबर 20, 2024
आकाशवाणी का एक विशेष अनुभाग ग्रामीण श्रोताओं के लिए कार्य करता है। इसके लिए आकाशवाणी के सभी केंद्रों पर खेती गृहस्थी एकांश नामक यूनिट है। इस यूनिट का कार्य अपने कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण श्रोताओं के लिए उपयोगी जानकारी पहुंचाना है। इसके लिए एकांश में कृषि के अनुभवी और प्रशिक्षित व्यक्तियों की नियुक्ति की जाती है। इस एकांश को अपने प्रसारण क्षेत्र में आने वाले कृषि अधिकारियों, कृषि महाविद्यालयों के विशेषज्ञों, अनुभवी किसानों आदि के माध्यम से जानकारी एकत्र कर श्रोताओं तक पहुंचाने... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
अक्टूबर 20, 2024
रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रमों में संगीत की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत होती है। शेष प्रसारण समाचार व उच्चारित शब्दों का होता है। संगीत प्रसारण के लिए भी समय का विभाजन है, जैसे- शास्त्रीय संगीत के लिए 30 प्रतिशत, सुगम संगीत के लिए 20 प्रतिशत, लोक संगीत के लिए 12 प्रतिशत, फिल्म संगीत के लिए 20 प्रतिशत और पाश्चात्य संगीत के लिए चार प्रतिशत। भारतीय संगीत की प्रतिष्ठित परंपरा के अनुसार शास्त्रीय संगीत के लिए परंपरागत प्रावधान है, जिसके तहत सुनिश्चित किया गया है कि शास्त्रीय... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
अक्टूबर 09, 2024
रेडियो पर प्रसारित होने वाला फोन-इन कार्यक्रम श्रोताओं की भागीदारी का सर्वसुलभ कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आकाशवाणी केन्द्र में बैठे विशेषज्ञ से श्रोताओं का सीधा सम्पर्क स्थापित हो जाता है और वे न केवल प्रश्न पूछ सकते हैं, बल्कि सीधी बातचीत भी कर सकते हैं। इस व्यवस्था में श्रोता अपने प्रश्न कार्यक्रम से थोड़ा पहले रिकार्ड करा सकता है। विशेषज्ञों को इन प्रश्नों को सुना दिया जाता है और विशेषज्ञ उनका उत्तर दे देते हैं। इस प्रकार प्रश्न तथा उत्तर साथ-साथ... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
अक्टूबर 03, 2024
रेडियो... आम आदमी का जन-माध्यम है। जब रेडियो पर समाचार-बुलेटिन का नियमित प्रसारण शुरू हुआ, तब ऐसा लगा की समाचार पत्र समाप्त हो जायेगें। ऐसा तो नहीं हुआ, किन्तु शहर से लेकर गांव-देहात तक अनपढ़े-लिखें व्यक्ति भी रेडियो समाचार का इंतजार करने लगे। रेडियो राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं के साथ-साथ मौसम की जानकारी, दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदा, कानून व्यवस्था, सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली घोषणाओं व योजनाओं, खेलकूद गतिविधियों इत्यादि की जानकारी समाचार के रूप मे ं सम्प्रेषित करता है। देश-विदेश के... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
सितंबर 30, 2024
रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों परिचर्चा का विशेष महत्व है, क्योंकि परिचर्चा में किसी विषय या समस्या के सभी पक्षों को सुनने के बाद निष्कर्ष तक पहुंचने का प्रयास किया जाता है। परिचर्चा भी रेडियो वार्ता की तरह उच्चारित शब्दों का कार्यक्रम है, जिसे उर्दू में बहस और अंग्रेजी में Discussion कहते है। परिचर्चा को भेंटवार्ता, परिसंवाद, विचार-विनिमय, विचार-विमर्श, विचार-गोष्ठी आदि नामों से भी जाना जाता है। परिचर्चा कार्यक्रम में दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में बाचतीत करते हैं। इनमें से कोई... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
सितंबर 22, 2024
रेडियो संचार का सर्व सुलभ तथा सबसे सस्ता माध्यम है। इस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों रूपरेखा तीन माह के लिए बनाया जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि एक साल का कार्यक्रम चार तिमाही खण्डों में विभाजित होता है। जैसे- जनवरी से मार्च, अप्रैल से जून, जुलाई से सितम्बर और अक्तूबर से दिसम्बर। किसी भी तिमाही खण्ड के दौरान प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों से सम्बन्धित कार्य योजना की तैयारी लगभग डेढ़ माह पूर्व शुरू कर दी जाती है, जिससे कार्यक्रम निर्माण से... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
सितंबर 10, 2024
रेडियो संचार का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है, जिसके कार्यक्रमों को सस्ते रिसीवर या मोबाइल फोन की सहायता से कहीं भी सुना जा सकता है। रेडियो की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-निरक्षर व्यक्तियों के लिए वरदान : रेडियो निरक्षर व्यक्तियों के लिए वरदान हैं, क्योंकि इस पर प्रसारित कार्यक्रमों को सुनने के लिए पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रमों का जितना पढ़े-लिखे श्रोताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, उतना ही अनपढ़ या निरक्षर व्यक्तियों के लिए भी। इसके... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
सितंबर 09, 2024
भारत में रेडियो का प्रसारण अगस्त 1921 में तब हुआ, जब तत्कालीन गर्वनर जनरल जार्ज लायड के आग्रह पर टाइम्स ऑफ इंडिया और पोस्ट एण्ड टेलीग्राफ विभाग ने बम्बई (अब मुम्बई) में संगीत कार्यक्रम का प्रसारण किया। 1926 में कुछ व्यक्तिगत रेडियो क्लबों द्वारा प्रसारण कम्पनी गठित करके बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में प्रसारण सेवा को प्रारंभ किया गया। इन क्लबों ने मारकोनी कम्पनी का ट्रांसमीटर लगा था। 23 जुलाई, 1927 को बम्बई केंद्र का उद्घाटन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया। इसके कुछ... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
सितंबर 08, 2024
रेडियो संचार का श्रव्य माध्यम है, जिसमें अदृश्य विद्युत चुंबकीय तरंगों द्वारा संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है। सूचना, शिक्षा और मनोरंजन को प्रसारित करने वाले इस माध्यम ने सम्पूर्ण जगत को अपनी परिधि में ले लिया है। जवरीमल्ल पारिख के अनुसार- रेडियो निरक्षरों के लिए वरदान है जिसके द्वारा सुनकर सिर्फ सुनकर अधिक से अधिक सूचना, ज्ञान और मनोरंजन हासिल किया जा सकता है।रेडियो का विकास (Development of Radio)ध्वनि सम्प्रेषित करने वाले समस्त माध्यमों का प्रमुख आधार है- रेडियो...... Read More »
Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)
अगस्त 14, 2024
भारत सरकार ने 1999 में एफएम रेडियो नेटवर्क को विस्तार देने के लिए निजी कम्पनियों को लाइसेंस देने का निर्णय लिया, जिसका एक अन्य उद्देश्य स्थानीय स्थानीय महत्व के कार्यक्रमों को प्रमुखता से प्रसारित करना, स्थानीय प्रतिभाओं को उचित मंच उपलब्ध कराना और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करना था।एफएम रेडियो के विस्तार के प्रथम चरण में लाइसेंस देने के लिए निजी कम्पनियों को खुली नीलामी में बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया गया, जिसके चलते आशानुरूप परिणाम नहीं मिलें। इसके बाद, भारत सरकार... Read More »