लंदन से प्रकाशित ‘इलेस्ट्रेड लंदन’ दुनिया का पहला समाचार पत्र है, जिसने 1842 में सबसे पहले फोटो के साथ समाचार को प्रकाशित किया। तब उसकी पाठकों के बीच खुब चर्चा हुई। लंदन के बाद फोटो पत्रकारिता की शुरूआत अमेरिका में हुई। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फोटो पत्रकारिता को विशेष महत्व दिया गया। यहीं कारण है कि 20वीं शताब्दी के पहले और दूसरे दशक में फोटोग्राफ और सिण्डीकेट्स काफी लोकप्रिय हो गये थे। प्रारंभ में फोटोग्राफी का कार्यकाफी खर्चीला कार्य था, किन्तु तकनीकी के विकास के कारण काफी सस्ता हो गया है।
वर्तमान समय में शायद ही ऐसा कोई समाचार पत्र या पत्रिका हो, जो अपने पेजों पर समाचारों व लेखों के साथ फोटो प्रकाशित न करती हो। वैसे भी, मानव उस समाचार को लम्बे समय तक याद रखता है, जिसे अपनी आंखों के सामने घटित होते हुए देखता है। मानव की इसी मनोवृत्ति के कारण समाचार पत्रों ने समाचारों व लेखों को फोटो के साथ प्रकाशित करना आरंभ किया। फोटोग्राफ से प्रकाशित समाचारों की स्वतः पुष्टि हो जाती है। फोटो प्रमाण का कार्य भी करते हैं। दैनिक ट्रिब्यून के समाचार संपादक जितेंद्र अवस्थी के अनुसार-फोटो के माध्यम से दर्शाए गए तथ्यों को झूठलाया नहीं जा सकता है। समाचार चाहे कितने ही शब्दों में क्यों न लिखा जाए, यदि उसे फोटो के साथ प्रकाशित किया जाता है तो उसकी विश्वसनीयता और अधिक बढ़ जाती है। यदि एक आकर्षक फोटो के साथ आकर्षक शीर्षक भी लिखा जाए तो पाठक के लिए फोटो और अधिक रोचक बन जाता है।
0 टिप्पणियाँ :