फोटोग्राफी के आविष्कार के बाद समाचार पत्रों में फोटो के बढ़ते प्रयोग के कारण समाचार पत्रों को व्यापक परिवर्तन करना पड़ा। कई समाचार पत्रों ने स्थानीय फोटो स्टूडिया से सम्पर्क कर अपने लिए फोटोग्राफ खींचने की जिम्मेदारी सौंप दी। कुछ ने अपने रिपोर्टरों को ही कैमरा पकड़ा दिया, तो कुछ ने प्रशिक्षित फोटोग्राफरों की विधिवत नियुक्ति भी की। वर्तमान समय में मोबाइल फोन के अंदर कैमरा उपलब्ध होने के कारण रिपोर्टर और फोटोग्राफर दोनों फोटोग्राफी का कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार, अधिकांश समाचार पत्रों में समाचार विभाग के समानांतर फोटो प्रभाग कार्य करने लगा है।
समाचार पत्रों के फोटो प्रभाग में फोटोग्राफ के रिकार्ड रखे जाते हैं, जिन पर फोटो खींचने की तारीख और समय लिखा होता है। प्रारंभ में यह कार्य मैनुअल तरीके से किया जाता था, किन्तु वर्तमान समय में कम्प्यूटर के माध्यम से किया जाता है। मीडिया हाउस के फोटो प्रभाग की संरचना निम्न प्रकार होती है:-
1- फोटो संपादक : यह समाचार पत्र संगठन का महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है, जो समाचार पत्र में प्रकाशित फोटोग्राफ के लिए जिम्मेदार होता है। बड़े समाचार पत्र संगठन में फोटो संपादक का अतिरिक्त पद होता है, जबकि छोटे या मध्यम समाचार पत्र संगठन में फोटो संपादक की जिम्मेदारी संपादक या समाचार संपादक के कंधों पर होती है। सामान्यतः फोटो संपादक अपने संगठन का जिम्मेदार व स्थाई कर्मचारी होता है। अपनेे कार्य के बदले वेतन व अन्य भत्तों को प्राप्त करता है।
2- वरिष्ठ फोटोग्राफर : यह समाचार पत्र संगठन के फोटो प्रभाग का दूसरा महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है, जो बीट रिपोर्टरों के साथ तालमेल बनाकर फोटोग्राफी का कार्य करता है। वरिष्ठ फोटोग्राफर अनुभावी व्यक्ति होता है। इसके मार्ग दर्शन में कई अन्य फोटोग्राफर कार्य करते हैं। वरिष्ठ फोटोग्राफर अपने सहयोगी अन्य फोटोग्राफरों को आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश देता है।
3- फोटोग्राफर : यह समाचार के फोटो विभाग का सबसे महत्वपूर्ण कर्मचारी होता है, जो दिन-भर फोटोग्राफ के लिए इधर-उधर भटकता रहता है। फोटोग्राफर वरिष्ठ फोटोग्राफर के मार्गदर्शन में कार्य करता है। समाचार पत्र में प्रकाशित होने वाले फोटोग्राफ में फोटोग्राफर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कई समाचार पत्रों में फोटोग्राफर का पद स्थाई होता है तो कई में अस्थाई। स्थाई पद पर नियुक्त फोटोग्राफर प्रतिमाह वेतन व भत्ते प्राप्त करता है, जबकि अस्थाई फोटोग्राफर को निर्धारित मानदेय व अन्य भत्ते जैसे- पेट्रोल व मोबाइल इत्यादि से काम चलाना पड़ता है।
4- फ्रीलॉसर : फ्रीलॉसर फोटोग्राफर से तात्पर्य ऐसे फोटोग्राफरों से है, जो किसी समाचार पत्र संगठन के कर्मचारी नहीं होते हैं, किन्तु फोटीग्राफी के शौकीन होते हैं। ऐसे लोग अपने फोटोग्राफ के प्रकाशनार्थ समाचार पत्रों को उपलब्ध कराते हैं। कुछ फ्रीलॉसर फ्री में फोटोग्राफ उपलब्ध करता है तो कुछ अपने फोटोग्राफ के बदले कीमत भी वसूल करते हैं।
0 टिप्पणियाँ :