रेडियो... आम आदमी का जन-माध्यम है। जब रेडियो पर समाचार-बुलेटिन का नियमित प्रसारण शुरू हुआ, तब ऐसा लगा की समाचार पत्र समाप्त हो जायेगें। ऐसा तो नहीं हुआ, किन्तु शहर से लेकर गांव-देहात तक अनपढ़े-लिखें व्यक्ति भी रेडियो समाचार का इंतजार करने लगे। रेडियो राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं के साथ-साथ मौसम की जानकारी, दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदा, कानून व्यवस्था, सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली घोषणाओं व योजनाओं, खेलकूद गतिविधियों इत्यादि की जानकारी समाचार के रूप मे ं सम्प्रेषित करता है। देश-विदेश के समाचारों को देश की अधिकांश आबादी तक पहुंचाने के लिए रेडियो के पास व्यापक नेटवर्क है। रेडियो ने देश के सभी राज्यों की राजधानियों व समाचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों में पूर्णकालिक व अंशकालिक संवाददाता नियुक्त किया है, जो संकलित समाचारों को ई-मेल, मोबाइल या अन्य संचार माध्यमों की मदद से क्षेत्रीय समाचार कक्ष तक पहुँचा देते हैं। इन समाचारों को क्षेत्रीय समाचार कक्ष में संपादित कर प्रसारण योग्य बनाया जाता है। इस दौरान, राष्ट्रीय महत्व के समाचारों को राष्ट्रीय समाचार कक्ष में भेज दिया जाता है, जहां क्षेत्रीय भाषाओं के समाचारों का अनुवाद किया जाता है। रेडियो राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समाचार समितियों से भी समाचार लेता है। केंद्रीय समाचार कक्ष में समाचारों के चयन व अनुवादकों को वितरण का कार्य उप-संपादक करता है। उप-संपादक से प्राप्त समाचारों को संपादक रेडियो की आचार-संहिता के अनुसार संपादित करता है। आकाशवाणी पटना के समाचार संपादक संजय कुमार ने अपनी पुस्तक ‘रेडियो पत्रकारिता‘ में लिखा है कि रेडियो समाचार तैयार करते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाता है:-
समाचार...
- सीधा व सरल भाषा में हो,
- कम से कम शब्दों में हो, और
- वाक्य सरल और छोटे हों।
रेडियो समाचार की संरचना
रेडियो समाचार एक निश्चित समय सीमा के अंदर प्रसारित किया जाता है। रेडियो 10 मिनट का समाचार बुलेटिन प्रसारित कर श्रोताओं की स्मरण शक्ति को चुनौति देता है। डा. अर्जुन तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘आधुनिक पत्रकारिता‘ में लिखा है कि दस मिनट में अधिक से अधिक 11 समाचार बुलेटिन पर ही श्रोता अपना ध्यान केंद्रीत रख सकते है ं। 10 मिनट में 1200 से 1300 शब्दों का समाचार बुलेटिन प्रसारित किया जा सकता है। अच्छा समाचार वह होता है, जिसमें कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक सूचनाओं का समावेश हो। सामान्यतः एक रेडियो समाचार 20 से 30 शब्दों में होता है। इसी शब्द सीमा के अंदर 5W& 1H (what, why, when, where, who & how) का उल्लेख किया जाता है। रेडियो समाचार की संरचना पहलदार हीरे की तरह होती है। रेडियो समाचार में सबसे पहले मुख्य समाचार या हेडलाइन्स होती है, जिसे प्रसारित समाचारों का निचोड कहा जाता है। इसके बाद समाचारों का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। कम महत्वपूर्ण समाचारों को स्थान नहीं मिलता है। अंत में खेलकूद से सम्बन्धित समाचार प्रसारित होता है। इस प्रकार, समाचार कक्ष में तैयार किये गये समाचारों को प्रसारित करने से पहले संपादक को समाचार निदेशक से अनुमति लेनी पड़ती है। फिर उसे प्रसारण कक्ष में भेज दिया जाता है, जहां समाचार वाचक समाचारों को माइक्रोफोन के सामने पढ़ देता है।
संदर्भ ग्रंथ
- प्रसारण पत्रकारित: डा. सुरेश यादव
- आधुनिक पत्रकारिता: डा. अर्जुन तिवारी
- मीडिया निर्माण: डा. रमेश मेहरा
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