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जनसम्पर्क : अर्थ एवं परिभाषा (Public Relation: Meaning and Definition)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     अगस्त 14, 2024    

नेपोलियन बोनापार्ट का कहना है कि ‘वह व्यक्ति तेजी से आगे बढ़ता है, जो अकेले चलता है’। यह वक्तव्य वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुकूल नहीं है, क्योंकि आजकल वह व्यक्ति तेजी से आगे बढ़ता है, जिसमें अपने अनुकूल परिस्थिति बनाने की कला होती है। इसी कला को ‘जनसम्पर्क’ कहते हैं। जनसम्पर्क एक प्रकार का सात्विक अनुष्ठान है जिसके अंतर्गत् एक दक्ष व्यक्ति अपने संचार कौशल का उपयोग कर पक्ष-विपक्ष के मध्य सौहार्द स्थापित करने का प्रयास करता है। जनसम्पर्क की जरूरत निजी संस्थान व संगठन के अलावा सरकार को भी पड़ती है। जनसम्पर्क वह प्रक्रिया है जिसकी सराहना जनता करती है। अच्छा प्रदर्शन जनसम्पर्क का पहला और सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। किसी संस्थान, संगठन या सरकार के बीच आपसी सम्बन्ध जनसम्पर्क के माध्यम से बढ़ता है। अच्छे जनसम्पर्क में सच्चाई व ईमानदारी का होना अत्यन्त आवश्यक है।

अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition)

जनसम्पर्क शब्द का निर्माण दो शब्दों के योग से हुआ है- ‘जऩ’ और ‘सम्पर्क’। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- ‘जनता से सम्पर्क’। सुनिश्चित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सुनिश्चित माध्यम से सुनिश्चित जनता या लक्ष्य समूह को ध्यान में रखकर जनसम्पर्क किया जाता है। जनसम्पर्क का अर्थ समाज के विभिन्न वर्गो के अधिक से अधिक लोगों के विचारों से अवगत होना तथा उन्हें अपने विचारों से अवगत कराना है। विचारों के इसी आदान-प्रदान के माध्यम से व्यक्तियों, संगठनों व समूहों के बीच सामान्य हित की भावना जागृत होती है। जनसम्पर्क को लोकसम्पर्क, अंग्रेजी भाषा में Public Relation और संक्षेप में PR कहते हैं।

जनसम्पर्क एक गतिमान प्रक्रिया है, जिसकी प्राथमिकता, स्वरूप व माध्यम परिस्थिति के अनुसार बदलती रहती है। परिणामतः जनसम्पर्क की कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं बन सकी है।

वेबस्टर्स शब्दकोश के अनुसार-व्याख्यात्मक सामग्री द्वारा किसी व्यक्ति, फर्म अथवा संस्थान का दूसरे व्यक्तियों, विशिष्ट जनता या समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करना, पड़ोसी की भांति उनमें पारस्परिक विचारों के आदान-प्रदान का विकास और उनकी प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करना ही जनसम्पर्क है।

सेमब्लेक के अनुसार- जनसम्पर्क विभिन्न सामाजिक विज्ञानों का समिश्रण है, जो हमें व्यक्ति और समूह की प्रतिक्रिया से अवगत कराता है। यह सम्प्रेषण का वह विज्ञान है जो तनाव को दूर करके बेहतर सम्बन्ध बनाते हुए सहमति का निर्माण करता है।

डैनी ग्रीसल्ड के अनुसार- जनसम्पर्क एक ऐसा प्रबंध कार्य है, जो किसी व्यक्ति या संस्थान की प्रवृत्तियों का मूल्यांकन करता है, उनकी नीतियों, प्रतिक्रियाओं को समझता है और जनता की सहमति व उसके समर्थन के लिए आवश्यक कार्यक्रमों की योजना बनाता है तथा उनका क्रियान्वयन करता है।

अमेरिकी जनसम्पर्क के जनक एडवर्ड एल.बर्नेज के अनुसार- जनसम्पर्क का उद्देश्य है व्यक्ति, समुदाय और समाज में परस्पर एकीकरण। व्यक्ति और समाज में समायोजित करने का और जनभावनाओं को मुखारित करने का लोकसम्पर्क एक मुख्य साधन है। हमारी जीवन प्रणाली प्रतिस्पर्द्धा प्रधान है, इसमें अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए हमें एक दूसरे की भावनाओं को समझना और सब की सहायता लेना अनिवार्य है। हम सबके लिए जरूरी है कि हम दूसरे लोगों के साथ मिल जुलकर अपना काम करें।

ब्रिटेन की जनसम्पर्क परिषद के अनुसार- जनसम्पर्क किसी प्रतिष्ठान व उसकी जनता के मध्य आपसी सामंजस्य स्थापित करने और बनाए रखने के लिए किया गया विचार पूर्ण, योजनाबद्ध व सतत प्रयास है।

उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि- जनसम्पर्क एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा कोई संस्था अपने लिए अच्छी छवि, सहयोग, समर्थन और जन अनुकूलता की प्राप्ति कर प्रतिष्ठा अर्जित करती है। जनसम्पर्क का वास्तविक कार्य जनता को सच्चाई का दिग्दर्शन करना है। सच्चाई व आर्दशों से भरा यह एक ऐसा प्रचार है, जिसमें जनकल्याण की भावना होती है। दूसरे शब्दों में कह सकते है कि जनता के बीच में किसी भी संस्थान, संगठन या व्यक्ति की एक छवि होती है, जो सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की हो सकती है। जनसम्पर्क एक प्रयास है, जिसमें नकरात्मक छवि को सकारात्मक रूप में परिवर्तित करने की क्षमता होती है। इसमें कार्य कुशलता, अच्छा व्यवहार और अच्छी सेवा मददगार साबित होती है।संस्था या संगठन की नीतियां तथा व्यक्ति के विचार, व्यवहार को परिवर्तित कर उसकी छवि को सकारात्मक या आकर्षक बनाया जा सकता है। इससे लोगों का विश्वास तथा समाज में साख बढ़ती है।

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