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टेलीविजन की विशेषताएँ (Characteristics of television)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     अक्टूबर 10, 2025    

टेलीविजन एक प्रमुख संचार माध्यम है, जो दृश्य और श्रव्य तत्वों का संयोजन करके दर्शकों के लिए सूचना, शिक्षा और मनोरंजन से सम्बन्धित कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। इसका आविष्कार 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में जॉन लोगी बेयर्ड ने किया। भारत में टेलीविजन का प्रसारण 1959 में प्रारंभ हुआ, जो वर्तमान समय में करोड़ों घरों में मौजूद है। टेलीविजन की विशेषताएँ इसे रेडियो, अखबार या इंटरनेट से अलग बनाती हैं। यह न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिवर्तनों का उत्प्रेरक भी है।


इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:- 

1. दृश्य-श्रव्य माध्यम: टेलीविजन की सबसे प्रमुख विशेषता इसका दृश्य-श्रव्य (ऑडियो-विजुअल) स्वरूप है। यह केवल ध्वनि या चित्र नहीं, बल्कि दोनों का जीवंत संयोजन प्रस्तुत करता है। दृश्य तत्व जैसे चित्र, रंग, गति और अभिनय दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं, जबकि श्रव्य तत्व संवाद, संगीत और ध्वनि प्रभाव गहराई प्रदान करते हैं। उदाहरणस्वरूप, एक समाचार प्रसारण में एंकर की आवाज के साथ घटनास्थल के वीडियो फुटेज दर्शक को घटना की सच्चाई का अहसास कराते हैं। मनोवैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार दृश्य-श्रव्य माध्यम स्मृति को 65 प्रतिशत तक मजबूत करता है, जबकि केवल श्रव्य माध्यम 10 प्रतिशत ही प्रभावी होता है। भारत में दूरदर्शन के धारावाहिक जैसे ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ ने इसी विशेषता से करोड़ों दर्शकों को बांधा, जहां दृश्यों ने पौराणिक कथाओं को जीवंत कर दिया। 

2. विस्तृत पहुंच और व्यापक प्रभाव: टेलीविजन की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी विस्तृत पहुंच है। यह सैटेलाइट, केबल और डिजिटल प्रसारण के माध्यम से ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लाखों-करोड़ों दर्शकों तक पहुँचता है। भारत में दूरदर्शन के राष्ट्रीय नेटवर्क ने 1980 के दशक में पूरे देश को जोड़ा, जबकि आज एक हजार से अधिक चैनल उपलब्ध हैं। वैश्विक स्तर पर, बीबीसी या सीएनएन जैसे चैनल अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को तुरंत प्रसारित करते हैं। यह विशेषता इसे राजनीतिक अभियानों, चुनावों और आपातकालीन सूचनाओं के लिए आदर्श बनाती है। उदाहरण के लिए 2020 के कोविड-19 महामारी के दौरान टीवी ने लॉकडाउन नियमों और स्वास्थ्य जागरूकता को घर-घर पहुँचाया। हालांकि, डिजिटल विभाजन एक चुनौती है, लेकिन जीयो और एयरटेल जैसे डीटीएच सेवाओं ने इसे कम किया है। टेलीविजन की पहुंच न केवल भौगोलिक है, बल्कि सामाजिक भी यह सभी वर्गों, जातियों और भाषाओं के लोगों को एक मंच पर लाता है, जिससे सामाजिक एकीकरण बढ़ता है।

3. कार्यक्रमों की विविधता: टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में विविधता इसे बहुमुखी बनाता है। समाचार चैनल ताजा अपडेट देते हैं, मनोरंजन चैनल धारावाहिक और रियलिटी शो प्रसारित करते हैं, जबकि खेल चैनल लाइव मैच दिखाते हैं। शैक्षिक कार्यक्रम जैसे डिशक्वरी चैनल के वृत्तचित्र या इग्नू के दूरस्थ शिक्षा प्रसारण ज्ञानवर्धक होते हैं। भारत में क्षेत्रीय भाषाओं के चैनल स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने टीवी को स्ट्रीमिंग के साथ एकीकृत कर दिया है, जहाँ दर्शक अपनी पसंद का कंटेंट चुन सकते हैं। यह विविधता दर्शकों की उम्र, रुचि और पृष्ठभूमि के अनुसार अनुकूलित होती है, लेकिन कभी-कभी सनसनीखेज सामग्री नकारात्मक प्रभाव भी डालती है। फिर भी, यह विशेषता टीवी को परिवारिक मनोरंजन का केंद्र बनाती है।

4. तात्कालिकता और लाइव प्रसारण: टेलीविजन की तात्कालिकता इसे अन्य माध्यमों से श्रेष्ठ बनाती है। लाइव प्रसारण के माध्यम से घटनाएँ वास्तविक समय में दिखाई जाती हैं, जैसे ओलंपिक खेल या संसद सत्र। 1969 के मून लैंडिंग प्रसारण ने दुनिया को एक साथ जोड़ा। भारत में 1990 के दशक में क्रिकेट विश्व कप के लाइव मैचों ने टीवी क्रांति ला दी। तकनीकी रूप से, 5जी और फाइबर ऑप्टिक्स ने लाइव स्ट्रीमिंग को बिना बफरिंग के संभव बनाया है। यह विशेषता आपदा प्रबंधन में उपयोगी है, जैसे 2004 के सुनामी या 2013 के उत्तराखंड बाढ़ में राहत सूचनाएँ। हालांकि, लाइव प्रसारण में त्रुटियाँ (जैसे गलत रिपोर्टिंग) तेजी से फैल सकती हैं, जिसके लिए फैक्ट-चेकिंग आवश्यक है।

5. मनोरंजन, शिक्षा और जागरूकता का संयोजन: टेलीविजन मनोरंजन को शिक्षा से जोड़ता है। कार्यक्रम जैसे सत्यमेव जयते ने सामाजिक मुद्दों (महिला सशक्तिकरण, बाल विवाह) पर जागरूकता फैलाई। शैक्षिक चैनल जैसे खान अकादमी की टीवी वर्जन बच्चों को सीखने में मदद करते हैं। विज्ञान कार्यक्रम पर्यावरण जागरूकता बढ़ाते हैं। भारत सरकार के ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रम नीतियों को जन-जन तक पहुँचाते हैं। यह विशेषता टीवी को ‘इन्फोटेनमेंट’ का माध्यम बनाती है, जहाँ मनोरंजन के बहाने शिक्षा दी जाती है।

6. विज्ञापन और आर्थिक महत्व: टेलीविजन विज्ञापन का शक्तिशाली माध्यम है। विज्ञापनदाता उत्पादों को दृश्य अपील से बेचते हैं, जैसे अमूल के हास्यपूर्ण ऐड। भारत में टीवी विज्ञापन उद्योग 2023 में 100 बिलियन रुपये का था। यह विशेषता ब्रांड बिल्डिंग में सहायक है, लेकिन ओवर-कमर्शियलाइजेशन दर्शकों को परेशान कर सकता है।

7. तकनीकी उन्नयन और स्मार्ट फीचर्स: आधुनिक टीवी में एलईडी और ओएलईडी स्क्रीन, स्मार्ट फीचर्स, वॉयस कंट्रोल और इंटरनेट इंटीग्रेशन हैं। 8K रिज़ॉल्यूशन और वीआर सपोर्ट भविष्य की दिशा हैं। भारत में स्मार्ट टीवी की बिक्री 2025 तक दोगुनी होने का अनुमान है। यह पोर्टेबिलिटी बढ़ाता है, क्योंकि कंटेंट मोबाइल पर भी उपलब्ध है।

8. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव: टीवी संस्कृति को आकार देता है। ‘बिग बॉस’ जैसे शो वास्तविकता को प्रभावित करते हैं, जबकि समाचार चैनल राजनीतिक ध्रवीकरण बढ़ा सकते हैं। वैश्वीकरण से पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ा, लेकिन क्षेत्रीय चैनल प्रतिरोध करते हैं।

निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि टेलीविजन एक बहुमुखी माध्यम है, जो तकनीक, समाज और अर्थव्यवस्था को जोड़ता है। इसकी विशेषताएं इसे अपरिहार्य बनाती हैं। भविष्य में एआई और 6जी इसे और आधुनिक बनाएंगे।


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