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सोमवार

भारत में इंटरनेट क विकास (Development of Internet in India)

Dr Awadhesh K. Yadav (Assistant Professor)     अक्टूबर 07, 2024    

भारत में इंटरनेट का आगमन एजूकेशनल एण्ड रिसर्च नेटवर्क के प्रयासों से 1987-88 में हो गया था, लेकिन तब सीमित संख्या में कुछ सभ्रांत लोग ही इसका उपयोग करते थे। 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने गेटवे सर्विस के तहत पहली बार भारतीय कम्प्यूटरों को दुनिया के कम्प्यूटरों से जोड़ा। तब कहीं जाकर इंटरनेट आम लोगों को उपयोग के लिये उपलब्ध हो सका। परिणामतः राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों के 32 हजार इंटरनेट उपभोक्ता हो गये। इसका शीघ्र ही मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर, पुणे, कानपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, जयपुर, हैदराबाद, गोवा, पटना आदि शहर में विस्तार किया गया। प्रारंभ में सॉफ्टवेयर निर्यातक, सलाहकार, वैज्ञानिक, प्रशिक्षण संस्थान और व्यावसायिक संस्थान इंटरनेट उपभोक्ता थे। नवम्बर 1998 में भारत सरकार ने निजी क्षेत्र के इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किया। इसके बाद 12 नवम्बर, 1998 को सत्यम इनफो और सी-डॉट के बीच लाइसेंस का समझौता हुआ। सत्यम इनफो भारत की दूसरी (VSNL के बाद) और निजी क्षेत्र की पहली इंटरनेट प्रदाता कम्पनी बनी, जो सत्यम ऑनलाइन के नाम से देश के प्रमुख शहरों में इंटरनेट सुविधा प्रदान करती है। 1998 के अंत तक देश में करीब 7 लाख इंटरनेट उपभोक्ता थे। यह संख्या 31 दिसंबर, 2000 तक बढक़र 18 लाख हो गयी।   

भारत सरकार ने मार्च 2002 में देश के सभी जिला मुख्यालय को इंटरनेट से जोडऩे की योजना शुरू की।  इसके बाद इंटरनेट शहर की सीमा को तोडक़र गांवों में पहुंच गया। मार्च 2009 में टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने अपनी रिपोर्ट जारी कर बताया कि इंटरनेट का विस्तार 5.3 प्रतिशत की दर से हो रहा है। तब देश में कुल इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या एक करोड़ से अधिक हो गयी थी। मार्च 2009 तक देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 120.85 लाख थी।  इसके अलावा मोबाइल हैंडसैट के माध्यम से वायरलैस इंटरनेट का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 11.80 करोड़ थी। मार्च 2024 में भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 95.4 करोड़ हो गई है. जो पिछले साल के मुकाबले 7.3 करोड़ ज्यादा है। यह बढ़ोत्तरी 8.30 प्रतिशत की दर से हुई है।

इंटरनेट की उपयोगिता रू इंटरनेट ने सूचना क्रांति के रूप में मानव को अपने प्रभाव में ले लिया है। इसका जीवन के सभी क्षेत्रों में उपयोग हो रहा है। इंजीनियर हो या डाक्टर, वैज्ञानिक हो या शोधार्र्थी, व्यापारी हो या विद्यार्थी, अधिवक्ता हो या प्रवक्ता, राजनीतिज्ञ हो मीडिया कर्मी सभी व्यापक रूप से इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। कहने का तात्पर्य है कि मनोरंजन, चिकित्सा, शिक्षा, व्यवसाय सभी इंटरनेट के कारण कम्प्यूटर के अंदर समा गये हैं।

मानव सभ्यता के इतिहास में इंटरनेट के अतिरिक्त इतना तेजी से विकास और विस्तार करने वाला अन्य उदाहरण नहीं है, जिसकी व्यापक जन उपयोगिता हो। इंटरनेट पर मानव के उपयोग के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं :-   

  1. शेयरों के बाजार भाव की जानकारी के साथ क्रय-विक्रय, 
  2. रेलगाड़ी व वायुयान में उपलब्ध सीटों की जानकारी के साथ आरक्षण,
  3. दुनिया के किसी भी देश में मित्र बनाने और उसे त्वरित गति से संदेश भेजने, 
  4. घर में बैठकर सस्ते दर पर मन पसंद सामान खरीदने,  
  5. समाचार पत्रों व पत्रिकाओं के ऑनलाइन संस्करण पढऩे,  
  6. विश्वविद्यालयों, कालेजों व स्कूलों में प्रवेश, परीक्षा व परिणाम की जानकारी तथा
  7. नौकरी व रिश्ता तलाश करने की सुविधा।

संचार माध्यम के रूप में इंटरनेट की उपयोगिता इतनी अधिक बढ़ गई है कि इसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। समाचारों के संकलन से सम्प्रेषण तक के कार्याे में इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, मीडिया संस्थानों को इंटरनेट संचालित विभिन्न प्रकार के नेटवर्काे से समाचार प्राप्त होते हैं। समाचार चाहे संवाददाता द्वारा भेजा गया हो या समाचार एजेंसियों द्वारा। सभी के कम्प्यूटर इंटरनेट से जुड़े होते हैं। इंटरनेट के अभाव में इतना त्वरित गति से न तो समाचार संकलन संभव है और न तो सम्प्रेषण।


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